ब्लॉग मित्र मंडली

2/3/11

जो करता बंदगी वो ही कभी क़ुर्बान भी होगा



आज  एक ग़ज़ल मुहब्बत के नाम

अभी दुश्वार लगता है , कभी आसान भी होगा

मेरे दिल का वो मालिक , घर मेरे मेहमान भी होगा

मचलती हैं , मुहब्बत की हसीं लहरें मेरे दिल में
बिला शक  उनके दिल में प्यार का तूफ़ान भी होगा

नज़रअंदाज़ करता है मुझे ग़ैरों से मिलता है
लगे चालाक लेकिन वो बहुत नादान भी होगा

मुझे इल्ज़ाम गुलदस्ते में भेजे हैं , करम उनका
मगर मेरी ख़ताओं का कोई बुर्हान भी होगा

मुहब्बत जो करे दिल से ; कभी अंज़ाम क्यों सोचे
जो करता बंदगी वो ही कभी क़ुर्बान भी होगा

यहां हद्दे - नज़र तक रेगज़ारों की क़तारें हैं
न हो मायूस दिल , इनमें ही नख़लिस्तान भी होगा

अभी नाराज़ हैं राजेन्द्र , वो कल मान जाएंगे
बड़ी मुझ पर मेहरबानी , बहुत एहसान भी होगा
राजेन्द्र स्वर्णकार
(c)copyright by : Rajendra Swarnkar



और यहां सुनें 
मेरी कंपोजीशन में मेरी ग़ज़ल मेरी आवाज़ में 


(c)copyright by : Rajendra Swarnkar

यह चित्र मेरे द्वारा 13-14 वर्ष की उम्र में बनाया गया था  

(यह मेरे द्वारा बनाई गई वाटर कलर की पहली बड़ी तस्वीर भी है)

शस्वरं के सभी मित्रों को 
महाशिवरात्रि 
की
हार्दिक शुभकामनाएं मंगलकामनाएं !




66 टिप्‍पणियां:

संध्या शर्मा ने कहा…

जी हाँ बिलकुल सच कहा आपने जो मुहब्बत करता वो ये नहीं सोचता की अंज़ाम क्या होगा...बहुत खूबसूरत ग़ज़ल और आपकी आवाज़ भी..

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

'यहाँ हद्दे-नज़र तक ...रेगज़ारों की कतारें हैं

न हो मायूस दिल,इनमे ही नखलिस्तान भी होगा '



भाई राजेन्द्र जी ,

सप्रेम अभिवादन

बहुत प्यारी ग़ज़ल ...हर शेर बेहतरीन | आपकी आवाज में सुनना और प्यारा लगा |



महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें , प्रभु आशुतोष का आप द्वारा बनाया गया चित्र बड़ा सुन्दर है |

Satish Saxena ने कहा…

आपके व्यक्तित्व में विनम्रता की हद है राजेन्द्र भाई ! बड़ी प्यारी रचना के लिए बधाई !!

Sushil Bakliwal ने कहा…

बहुत सुन्दर, बेहद प्रभावी.
महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ...

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

गजल और उसके भाव अच्छे हैं.आप की मधुर आवाज भी प्रभावी है.
आप सब को भी शिवरात्री की मंगलकामनाएं.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बड़ी ही दमदार रचना।

सदा ने कहा…

नजरअंदाज करता है मुझे, गैरों से मिलता है

बहुत ही खूबसूरत शब्‍दों के साथ बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

Shikha Kaushik ने कहा…

राजेन्द्र जी ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी .आपके द्वारा बनाया गयी चित्रकृति भी बहुत सुन्दर है ....इसलिए भी क्योकि यह बहुत कम उम्र में बनाई गयी आपकी प्रथम बड़ी पेंटिंग है .आपका ब्लॉग भी बहुत सुन्दर है आपकी भावनाओं कि भांति .

Sunil Kumar ने कहा…

नजरअंदाज करता है मुझे, गैरों से मिलता है बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ......

shikha varshney ने कहा…

गज़ल, गायकी उर चित्र...तीनो बेहतरीन..

vandana gupta ने कहा…

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (2-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

http://charchamanch.blogspot.com/

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

मुहब्बत जो करे दिल से कभी अंजाम क्यों सोचे ....

बहुत खूब .....
जो करता बंदगी वही कुर्बान भी होगा .....

सुभानाल्लाह .....!!

ऊपर तस्वीर बड़ी प्यारी लगी ....
और शिव जी वाली तो लगता ही नहीं कि हाथ की बनी है ....
१३,१४ साल की उम्र में ....?
कितनी कलाकारी दी है खुदा ने आपके हाथ में ....

आवाज़ अभी सुनी नहीं फिर आती हूँ .....

आनंद ने कहा…

मुझे इलज़ाम गुलदस्ते में भेजे हैं करम उनका !
मगर मेरी खातों का कोई बुर्हान भी होगा !!..................
वैसे मैं आपकी तारीफ करने के काबिल सक्षमता अपने अन्दर नही पाता हूँ .....फिर भी विनम्रता के साथ इतना ही कहूँगा ..बड़ी ही मीठी ग़ज़ल है ....आपके स्वर में सुनने के बाद इसका आनन्द दूना होगया राजेंद्र जी !!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

सुंदर रचना, सुंदर बोल, सुंदर चित्र, सब कुछ सुंदर का समागम है. सत्यम शिवम सुंदरम. शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

सुंदर रचना, सुंदर बोल, सुंदर चित्र, सब कुछ सुंदर का समागम है. सत्यम शिवम सुंदरम. शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम.

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

बहुत सुन्दर दिल का हाल लिखा हे आवाज के तो क्या कहने --शिव रात्रि पर आपका बना चित्र क्या कहने!

" जय शिव शम्भु भोले नाथ "

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

बहुत सुन्दर दिल का हाल लिखा हे आवाज के तो क्या कहने --शिव रात्रि पर आपका बना चित्र क्या कहने !
"जय शिव शम्भु भोले नाथ

उस्ताद जी ने कहा…

मुहब्बत जो करे दिल से कभी अंज़ाम क्यों सोचे
जो करता बंदगी वो ही कभी क़ुर्बान भी होगा
वाह वाह शुभानअल्लाह

शायर, गीतकार, गायक जैसी कई खूबियाँ पहले देखीं आज चित्रकार होने का भी पता चला...आप तो मल्टी-टैलेंटेड आर्टिस्ट हैं .. बहुत खूब

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

भैया बस मज़ा आ गया, आपको पढ़ और सुनके....
और आपकी पेंटिंग.... वाह कमाल है...
कवि, शायर, कम्पोजर, गायक, चित्रकार...
हमें है और भी राज़फाश होने का इंतज़ार...
आपको महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाईयाँ...
सादर....

udaya veer singh ने कहा…

priya rajendra ji
namskar ,

kya bat hai ,kavya shilp ki tamir men
jo shbdon ki it lagayi hai na ,bemishal
aur itani majboot pratit ho rahi hai ki
uski chanw men sadiyan gujar jayen .ati samvedanshil prabhavkari srijan .
bahut bahut dhanyavad.

केवल राम ने कहा…

भक्ति भाव से ओत प्रोत रचना

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत शब्‍दों के साथ बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।
आप को महाशिवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएँ|

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना ने कहा…

प्यार की कली जैसे अभी-अभी खिली हो .........पहली बार देखी हो उसने ओस की ढुलकती बूँदें..........फिर आ गयी हो कड़ी धूप ..........रूठ गयी हों ओस की बूंदों के साथ नाज़ुक पंखुरियां भी ........मगर भौंरे का आत्मविश्वास भी हो गज़ब का ........दिन भर दौर शिकवा-शिकायतों का ...और इंतज़ार रात के होने का ........ऐसी ही नाज़ुक और भोलेपन से भरी है ये ग़ज़ल जिसका हर शेर है मजेदार ...पर ये दो कुछ सवासेर ही लगे मुझे -

नज़र अंदाज़ करता है मुझे ; ग़ैरों से मिलता है
लगे चालाक लेकिन वो बहुत नादान भी होगा .

क्या गज़ब का आत्मविश्वास है ...और अनूठी अदा के साथ मोहब्बत का अद्भुत अहसास भी ...

मुझे इल्ज़ाम गुलदस्ते में भेजे हैं, करम उनका
मगर मेरी खताओं का कोई बुर्हान भी होगा .

इल्ज़ाम लगाने वाला हो तो ऐसा ...ख़याल इतना कि चोट न लगे इसलिए गुलदस्ते का स्तेमाल किया गया है ......
राजेन्द्र भाई ! माँ सरस्वती की कृपा है आप पर ...और आपके कंठ पर भी.

mridula pradhan ने कहा…

bahut achchi gazal.

Kunwar Kusumesh ने कहा…

आपकी ग़ज़ल का एक एक शेर लाजवाब है.
और ये शेर:-
नज़र अंदाज़ करता है मुझे ; ग़ैरों से मिलता है
लगे चालाक लेकिन वो बहुत नादान भी होगा .

वाह वाह.खूब शेर कहते हैं आप,कमाल है जी कमाल.

'साहिल' ने कहा…

बहुत ही दिलकश ग़ज़ल..............और खूबसूरत आवाज़ !

डॉ टी एस दराल ने कहा…

मुझे इल्जाम गुलदस्ते में भेजे हैं , करम उनका ---

वाह वाह वाह ! बेहद खूबसूरत कृति ।
मोहब्बत में सरोबार कर देने वाली रचना के लिए बधाई ।

रचना दीक्षित ने कहा…

आपकी आवाज में तो गज़ल और भी सुंदर लगती है. दिल खुश करने बाली रचना.

वाणी गीत ने कहा…

मुहब्बत जो करे अंजाम क्यों सोचे
बंदगी करने वाला कभी कुर्बान भी होगा
सोच रही हूँ इसमें प्रश्नवाचक भी लग सकता है क्या
बंदगी करने वाला कभी कुर्बान भी होगा ??

वाणी गीत ने कहा…

सदाशिव का चित्र बहुत सुन्दर है ...
आपको भी महाशिवरात्रि की बहुत शुभकामनायें !

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बेहत्रीन रचना....

Shah Nawaz ने कहा…

बेहतरीन ग़ज़ल... महाशिवरात्रि पर हार्दिक शुभकामनाएं!

Amit Sharma ने कहा…

काकाजी ! और कतरी करामात थान्कै माय भरी छै...................... ग़ज़ल थे खैल्यो,कविताई थे करो, राग-राग्नया माय थे सुहावणा गीत गावो .............. अर आज देख्यो कै थे चितराम भी मांडो छो ............. थांको "राजेंद्र स्वर्णकार" नाम सार्थक ही छै ............ कोई भी काम जो थी हाथ मै लेवो छो बी माय सोना सी आभा आजाव छै , अर फिर या सब कामा माय आप सिरमोर छो तो राजिन्द्र नाम भी सार्थक होगो ........... जय हो आपकी.

आपका आसिरवचना को लोभी
अमित शर्मा

Deepak Saini ने कहा…

सर जी
गजल और भोले बाबा की पेंटिग दोनो की लाजवाब है
आपकी आवाज के तो फैन हो गये है
शुभकामनाये

Dr Xitija Singh ने कहा…

आदरणीय राजेंद्र जी .. हर बार की तरह ... एक बेहतरीन रचना .. पड़ना और सुनना .. बहुत अच्छा लगा ... आपसे एक गुज़ारिश है .. अगर हो सके तो आपकी रचना किस राग पर आधारित है ... ये जानकारी भी दे दिया कीजिये ... आपकी पिछली पोस्ट मैं जो बसंत गीत था वो अभी तक मन में बसा है ... वो किस राग पर आधारित है .. मैं जानना चाहती हूँ ... आभार रहेगा आपका ... शुभकामनाएं ..

Suman ने कहा…

rajendr ji,
aapki aavaj me sunte huye tippani kar rahi hun bahut payari gajal hai.........

बेनामी ने कहा…

राजेंद्र जी,

बहुत खूबसूरत मासूम सी ग़ज़ल......हर शेर बेहतरीन.....सुभानाल्लाह|

deepti sharma ने कहा…

bahut achhi gajal hai aapki
.

Giribala ने कहा…

Dear Rajender ji,

Thanks for sending the links!! You have a very good grasp of Hindi language! I hope you will use it to write against the superstitions and injustice prevalent in our society.

Regards,
Giribala

Anita ने कहा…

आपकी पिछली पोस्ट की तरह यह पोस्ट भी लाजवाब है लेखन, गायन और चित्रांकन सभी ने मुग्ध किया ! आभार !

SURINDER RATTI ने कहा…

Rajendra Ji,

Bahut pyAri ghazal likhi hai har sher badiyaa hai..
Surinder Ratti
Mumbai

रंजना ने कहा…

आप चित्र नहीं दिखाते तो रचना पर प्रतिक्रिया देती...पर इस चित्र ने तो स्मरण ही न रहने दिया कि मैंने इसके पूर्व पढ़ा क्या था....

आपकी प्रतिभा...वाह...

हर तरह से कलाकार हैं आप...

Dr Varsha Singh ने कहा…

बहुत खूबसूरत ग़ज़ल......
बहुत खूबसूरत शब्‍दों के साथ बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

उम्मतें ने कहा…

बड़ी खूबसूरत गज़ल है पर ...

मालिक मकान को मेहमान बनाने का ख्याल ? इरादे तो नेक हैं ना :)

amrendra "amar" ने कहा…

गजल और सदाशिव बाबा की पेंटिग दोनो लाजवाब है
बहुत सुन्दर, बेहद प्रभावी.,

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

अपने चित्र के साथ यह संगीत-बद्ध रचना देकर ,आपने साक्षात् रूप में गायक (रचयिता भी)के भावनापूर्ण स्वर में सुनने का आनन्द प्रदान किया ,आभार !

Rakesh Kumar ने कहा…

आपका अंदाजे बयां लाजबाब है .आपके शब्द मन को छूटे हैं.आपका गायन और चित्रण दोनों ही आनंदित करते हैं .
आप मेरे ब्लॉग 'मनसा वाचा कर्मणा' पर आये ,बहुत अच्छा लगा .कृपया ,आते रहिएगा .

POOJA... ने कहा…

वाह....
प्रेम... भावनाएं... ग़ज़ल...
बहुत सुन्दर...

ज्योति सिंह ने कहा…

har har mahadev ,tasvir bhi sundar gazal laazwaab ,aawaaz me mithas ,aap to sachmuch kalakaar hai .sundar post .

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

भाई राजेन्द्र जी बहुत सुंदर प्रस्तुति \बधाई \

Shabad shabad ने कहा…

आदरणीय राजेंद्र जी,
हर बार की तरह लाजवाब है लेखन और गायन बेहतरीन रचना ... सुनना बहुत अच्छा लगा !
चित्र भी बहुत सुन्दर है ...
आपको महाशिवरात्रि की बहुत - बहुत शुभकामनायें !

OM KASHYAP ने कहा…

इस बेहतरीन रचना के लिए बधाई ।

Swarajya karun ने कहा…

दिल की गहराइयों से निकली आवाज़. सुंदर ग़ज़ल. सुंदर प्रस्तुति. आभार .

निर्मला कपिला ने कहा…

मुझे इल्जा------
नज़र अन्दाज़ -----
मचलती हैं ----
वाह लाजवाब अशआर । वैसे पूरी गज़ल ही काबिले तारीफ है। और आपकी आवाज़ मे तो और भी कमाल हो जाता है। लेकिन अफसोस कि सुन नही पाई या तो मेरे कम्प्यूटर मे खराबी है या फिर आपके इस औडिओ कलिप मे। धन्यवाद।

PRAN SHARMA ने कहा…

Aachchhee gazal ke liye aapko
badhaaee aur shubh kamna .

Avinash Chandra ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना।
आपके स्वरों में और भी अच्छी लगी।
और चित्र तो लाजवाब है।

आपको मेल भेजा था, जैसा कि आपने चाहा था। संभवतः मिल गया होगा।

बेनामी ने कहा…

प्रिय राजेन्द्र जी
स्नेह ,
लिखे अश्यार अच्छे हैं ग़ज़ल भी खूबसूरत है
मैं करता हूँ दुआ दिल से कभी दीवान भी होगा

Purshottam Abbi 'Azer' ने कहा…

प्रिय राजेन्द्र जी
स्नेह ,
लिखे अश्यार अच्छे हैं ग़ज़ल भी खूबसूरत है
मैं करता हूँ दुआ दिल से कभी दीवान भी होगा

***Punam*** ने कहा…

"मुहब्बत जो करे दिल से; कभी अंजाम क्यों सोचे
जो करता बंदगी वो ही कभी कुर्बान भी होगा !!"

बहुत खूबसूरत एहसास के साथ हर शेर लिखा है आपने...

तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं.....!!

संतोष पाण्डेय ने कहा…

badhiya gazal.achhiawaz. naman.

Minoo Bhagia ने कहा…

badi mujh par meharbani , bahut ehsan bhi hoga ...achha sher hai rajendra ji

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

खू़बसूरत ग़ज़ल, कर्णप्रिय गायन ओर नयनाभिराम चित्र...
वाह, बहुत ख़ूब, राजेन्द्र जी।

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

राजेंद्र जी, मोहब्बत के नाम आपकी यह ग़ज़ल वाकई लाजवाब है...बेहतरीन ग़ज़ल प्रस्तुत करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

चित्र आवाज़ और ग़ज़ल सभी कुछ बहुत ही लाजवाब है ....
हर शेर प्रेम की रागिनी गा रहा है जो मधुर आवाज में और भी खिल रही है ...

विशाल ने कहा…

आज ही आपकी ग़ज़ल सुनी.
बहुत ही खूब, राजेंद्रजी.
बहुत ही उम्दा,तारीफ़ को अलफ़ाज़ कम पड़ रहे हैं.
सलाम.

Rajesh Kumari ने कहा…

bahut khoobsurat ghazal..aaj hi padhi.god bless you.