ब्लॉग मित्र मंडली

22/7/13

धूल गुरु-चरणों की मुझको आज मिल जाए

श्री गुरुवे नमः


है जीवन बेसुरा ; संगीत सुर औ' साज़ मिल जाए !
मुझे हर तख़्त मिल जाए , मुझे हर ताज मिल जाए !
मिले दौलत ज़माने की , ख़ज़ाना दोजहां भर का
अगर कुछ धूल गुरु-चरणों की मुझको आज मिल जाए !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkar

गुरुपूर्णिमा के शुभ पर्व पर हार्दिक मंगलकामनाएं !

सबको गुरु-कृपा और गुरु-आशीर्वाद का प्रसाद मिलता रहे

यहां भी पधारिगा
मिल जावै सतगुरु