tag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post6666828472386978253..comments2023-10-31T15:59:18.615+05:30Comments on शस्वरं: " ये हिंदू है ! ये है मुस्लिम ! " " रास्ते अपने तू चल… ! "Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttp://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-49739441237448658772010-04-30T16:27:53.390+05:302010-04-30T16:27:53.390+05:30राजेन्द्र जी, आपके गीत आज सुन रहा हूँ.
बेहतरीन!!राजेन्द्र जी, आपके गीत आज सुन रहा हूँ.<br /><br />बेहतरीन!!Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-47351881282114120762010-04-30T00:12:12.349+05:302010-04-30T00:12:12.349+05:30सुन्दर रचनाएँ ! पढ़कर अच्छा लगा !सुन्दर रचनाएँ ! पढ़कर अच्छा लगा !nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-17196126184580639722010-04-28T07:52:57.315+05:302010-04-28T07:52:57.315+05:30आदर्शों की पहचान कराती रचना... बहुत ही अच्छी लगीआदर्शों की पहचान कराती रचना... बहुत ही अच्छी लगीरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-39982473837167545112010-04-27T16:23:20.776+05:302010-04-27T16:23:20.776+05:30खूब सूरत भावाभिवक्तिखूब सूरत भावाभिवक्तिgazalkbahanehttps://www.blogger.com/profile/13644251020362839761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-11982171111848133092010-04-26T21:07:13.467+05:302010-04-26T21:07:13.467+05:30आपका ब्लॉग बड़ा प्यारा है..
बिल्कुल आपकी रचनाओं की ...आपका ब्लॉग बड़ा प्यारा है..<br />बिल्कुल आपकी रचनाओं की तरह.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-9912216827757632022010-04-26T13:22:11.491+05:302010-04-26T13:22:11.491+05:30नमस्कार श्री राजेन्द्र भाई जी
आपकी तीनो ही रचना...नमस्कार श्री राजेन्द्र भाई जी<br /><br />आपकी तीनो ही रचनाएं बहुत ही संवेदनशील है खास कर राजस्थानी रचना ''प्रती नै पसारजो'' जो आज के हालातों पर समष्टि भाव से ओतप्रोत एक सुन्दर सन्देश देती है|<br />अब तो बस दुआ है कि आपकी इन रचनाओं जैसा सुन्दर वातावरण भी बने और आपकी लेखनी सार्थक हो जाय|Narendra Vyashttps://www.blogger.com/profile/12832188315154250367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-24012650026346169702010-04-26T13:03:40.106+05:302010-04-26T13:03:40.106+05:30ओये होए ......
मैं तो मुरीद हो गयी जी आपकी ....
क्...ओये होए ......<br />मैं तो मुरीद हो गयी जी आपकी ....<br />क्या आवाज़ है .....<br />क्या गाते है ....<br />तौबा .....<br />क्या सुर है ....<br />क्या गला है ....<br />क्या कशिश है ....<br />बिना साज संगीत के .....<br />गज़ब....गज़ब....गज़ब्ब्ब्ब ...!!<br />कहाँ से सीखा ये हुनर .....??<br />ओये होए ....बहुत खूब .....<br />बहुत खूब ....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-77199733347795232682010-04-26T11:09:31.224+05:302010-04-26T11:09:31.224+05:30राजेंद्र जी
आप की तीनो विलक्षण रचनाएँ आप के धीर ...राजेंद्र जी <br />आप की तीनो विलक्षण रचनाएँ आप के धीर गंभीर स्वर में सुनना सोने पर सुहागे वाली बात है...इतना आनंद आया की शब्दों में बयां करना असंभव है...आप पर माँ सरस्वती की कृपा यूँ ही बनी रही ये ही कामना करता हूँ...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-26007611978048545072010-04-26T10:47:53.851+05:302010-04-26T10:47:53.851+05:30aapka blog,aapki rachnayen,aapki tasveeren sab kuc...aapka blog,aapki rachnayen,aapki tasveeren sab kuchh badhiya hai.tarannum me tarane bhi lubhate bhate hain. badhai ho!<br />kabhi hmari gali bhi aaya karo sanam!ham hamare blog par aapke kadmo ke liye palken bichhay baithe hain.<br />or kya chal raha hai?ओम पुरोहित'कागद'https://www.blogger.com/profile/13038563076040511110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-88954228018221080822010-04-26T10:15:38.515+05:302010-04-26T10:15:38.515+05:30jai hind....jai hind....yogendra kumar purohithttps://www.blogger.com/profile/05718273177616298030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-24818975452724167922010-04-25T22:57:54.348+05:302010-04-25T22:57:54.348+05:30बहुत ही सटीक, सामयिक और सुंदर मधुर कविता पाठ. हार्...बहुत ही सटीक, सामयिक और सुंदर मधुर कविता पाठ. हार्दिक शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-89808415866659118902010-04-25T22:40:50.304+05:302010-04-25T22:40:50.304+05:30आप के स्वर में कवितायेँ सुनी,बहुत अच्छा लगा .
आप ...आप के स्वर में कवितायेँ सुनी,बहुत अच्छा लगा .<br /><br />आप की आवाज़ बहुत अच्छी है.<br />कविता पाठ बहुत ही प्रभावी है.<br />यह प्रस्तुति बेहद पसंद आयी .Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-39604456478173362152010-04-25T22:36:31.760+05:302010-04-25T22:36:31.760+05:30सभी कवितायेँ बेहद उम्दा हैं.
सामायिक भी.
इन्हीं भा...सभी कवितायेँ बेहद उम्दा हैं.<br />सामायिक भी.<br />इन्हीं भावों की आज के समय में आवश्यकता है.<br />सब मिल कर साथ चलें तो देश आगे बढ़ता है.<br />'तेरा-मेरा क्यूं करता है ?साथ तेरे क्या जाएगा ?दौलत-हुस्न-ज़मीं का टुकड़ा , सभी धरा रह जाएगा !'<br /><br />काश ! हर व्यक्ति यह समझ पाए!<br />----------<br /><br />बहुत ही भावपूर्ण बेहतरीन रचनाएँ प्रस्तुत की हैं.<br />-हिंदी उर्दू -राजस्थानी इन सभी भाषाओँ में कविता लिखना...यह भी आप की खासियत है.<br />हिंदी ब्लॉगजगत में एकमात्र अद्भुत उदाहरण .Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-70610171202278875482010-04-25T22:09:40.600+05:302010-04-25T22:09:40.600+05:30बहुत अच्छे विचार लिये हैं आपने, और उन्हें व्यक्...बहुत अच्छे विचार लिये हैं आपने, और उन्हें व्यक्त करने के लिये अच्छे शब्द। बधाई।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-90949455800994070932010-04-25T20:55:18.747+05:302010-04-25T20:55:18.747+05:30एक सामयिक रचना राजेन्द्र जी...एक सामयिक रचना राजेन्द्र जी...गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-47917304882975002642010-04-25T20:43:04.065+05:302010-04-25T20:43:04.065+05:30"हिंदू कहां जाएगा प्यारे ! कहां मुसलमां जाएगा...<b>"हिंदू कहां जाएगा प्यारे ! कहां मुसलमां जाएगा ?<br />इस मिट्टी में जनमा जो , आख़िर वो यहीं समाएगा !"</b><br /><br />दोनों रचनाएं बेहतरीन हैं <br />आपके स्वर में गीत सुनना <br />अत्यंत आनंददायक अनुभव रहा !<br />बहुत दिल से रचनापाठ करते हैं आप <br />हम आपके और गीत भी सुना चाहेंगे !<br />साधुवाद <br /><br />आभारCreative Manchhttps://www.blogger.com/profile/06744589000725201971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-25500490464950138652010-04-25T20:12:51.322+05:302010-04-25T20:12:51.322+05:30बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है!...बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-18851402321417413002010-04-25T20:02:38.494+05:302010-04-25T20:02:38.494+05:30aisi soch hi hame sadbhavanaa ke raste par le jaye...aisi soch hi hame sadbhavanaa ke raste par le jayegi. samaj ko isi tarajh k vichar chahiye. mujhe apnaa shr yaad aa gaya- subah mohabbat shaam mohabbat/ apnaa to hai kaam mohabbat/ ham to karte hai donon se/ alla ho yaa raam mohabbat. badhai.girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-60288476526853923112010-04-25T19:56:13.265+05:302010-04-25T19:56:13.265+05:30खूबसूरत प्रविष्टि !
रीडर में सब्सक्राइब कर रखा ह...खूबसूरत प्रविष्टि ! <br /><br />रीडर में सब्सक्राइब कर रखा है ! आपका ब्लॉग रीडर से पढ़ने वाले लोगों को एक दिक्कत अक्षरों के रंग से है ! ब्लॉग पर काला बैकग्राउंड होने के कारण सब ठीक है, पर रीडर में बैकग्राउंड भी सफेद हो जाता है, जिससे सफेद और पीले रंग के अक्षर पढ़े नहीं जा पा रहे ! <br /><br />खैर, हम तो ब्लॉग पर आकर पढ़ेंगे ही !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-22352630536912262062010-04-25T14:35:15.321+05:302010-04-25T14:35:15.321+05:30बहुत प्रासंगिक लेख है... शुभकामनाएं...
हर मज़हब अप...बहुत प्रासंगिक लेख है... शुभकामनाएं... <br />हर मज़हब अपनी जगह अच्छा है और हर धार्मिक किताब इंसानियत का सबक़ देती है, लेकिन कुछ लोग मज़हब' के ठेकेदार' बनकर मज़हब की आड़ में अपना उल्लू सीधा करते हैं... और मज़हब को बदनाम करते हैं... दरअसल, अपने मज़हब को 'श्रेष्ठ' और दूसरे के मज़हब को 'तुच्छ' समझने की मानसिकता ही नफ़रत फैलाती है... जिन लोगों का मक़सद सिर्फ़ नफ़रत की आग फैलाना होता है... शायद वो नहीं जानते कि एक न एक दिन ये आग उनका घर भी फूंक सकती है... देश में हुए कुछ दंगे इसी बात का सबूत हैं...<br /><br />जय हिन्द<br />वन्दे मातरम्फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-77637714322957964592010-04-25T13:41:30.332+05:302010-04-25T13:41:30.332+05:30bahut achhi rachnayen hain rajendr ji ...bahut achhi rachnayen hain rajendr ji ...स्वप्निल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/17439788358212302769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8464474780384268131.post-86328385848856284572010-04-25T12:43:10.103+05:302010-04-25T12:43:10.103+05:30आपने जिस आदर्श भारत की कल्पना की है और जो आस दिखाई...आपने जिस आदर्श भारत की कल्पना की है और जो आस दिखाई है अपने गीत के माध्यम से वह सर्वथा सराहनीय है... हमारे हाथ जब भी उस परम्पिता की वंदना में उठें, हमारे होठों से यही पुकार निकले जो आपके गीत की पंक्तियों में वर्णित है...सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.com