ॐ
श्री गुरुवे नमः

है
जीवन बेसुरा ; संगीत सुर औ' साज़ मिल जाए !
मुझे हर तख़्त मिल जाए , मुझे हर ताज
मिल जाए !
मिले दौलत ज़माने की , ख़ज़ाना दोजहां
भर का
अगर कुछ धूल गुरु-चरणों की मुझको आज मिल जाए !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkarगुरुपूर्णिमा के शुभ पर्व पर हार्दिक मंगलकामनाएं !
सबको गुरु-कृपा और गुरु-आशीर्वाद का प्रसाद मिलता रहे
यहां भी पधारिगा
मिल जावै सतगुरु