आज प्रस्तुत है ,
संवैधानिक मान्यता के लिए संघर्ष कर रही
दो क्षेत्रीय भाषाओं में सृजित मेरी दो ग़ज़ले
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संवैधानिक मान्यता के लिए संघर्ष कर रही
दो क्षेत्रीय भाषाओं में सृजित मेरी दो ग़ज़ले
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हमसे कौन लड़ाई बाबा ?
हमसे कौन लड़ाई बाबा ?
हो अब तो सुनवाई बाबा !
सबकी सुनता ; हमरी अब तक
हो अब तो सुनवाई बाबा !
सबकी सुनता ; हमरी अब तक
हमसे नाइंसाफ़ी करते '
तनिक रहम ना खाई बाबा ?
इक बारी मं कान न ढेरे
कितनी बार बताई बाबा ?
बार-बार का बोलें ? सुसरी
हमसे हो न ढिठाई बाबा !
नहीं अनाड़ी तुम कोई ; हम
तुमको का समझाई बाबा ?
दु:ख से हमरा कौन मेल था,
काहे करी सगाई बाबा ?
बिन बेंतन ही सुसरी हमरी
पग-पग होय ठुकाई बाबा !
तीन छोकरा, इक घरवाली,
है इक हमरी माई ; बाबा !
पर… इनकी खातिर भी हमरी
कौड़ी नहीं कमाई बाबा !
बिना मजूरी गाड़ी घर की
कैसन बता चलाई बाबा ?
हमरा कौनो और न जग मं
हम सबका अजमाई बाबा !
ना हमरा अपना भैया है,
ना जोरू का भाई ; बाबा !
और… मुई दुनिया आगे हम
जानके भी अनजान बने ; है
इसमें तो'र बड़ाई बाबा ?
नींद में हो का बहरे हो ? हम
कितना ढोल बजाई बाबा ?
हम भी ज़िद का पूरा पक्का
गरदन इहां कटाई बाबा !
तुम्हरी चौखट छोड़' न दूजी
चौखट हम भी जाई बाबा !
कहदे, हमरी कब तक होगी
यूं ही हाड-पिंजाई बाबा ?
बोल ! बता, राजेन्द्र मं का है
ऐसन बुरी बुराई बाबा ?!
-राजेन्द्र स्वर्णकार
जीवां , पण डर - डर' जीवां
सुणज्यो , म्है ई शंकर हां
ज़्हैर जगत भर रो पीवां
फूल पखेरू देव मिनख
सै ओपै ठीवां - ठीवां
जाय' न द् यां समदर मिळसी
…म्है जाणां म्हांरी सींवां
मन हरियो कर , मिल सैं स्यूं
राजेन्दर ! हां… अर नीं हां
-राजेन्द्र स्वर्णकार
ऊंचे-ऊंचे मकान ,खोखली नींवें / जी रहे हैं ,
लेकिन डर-डर कर जी रहे हैं /
सुनिए , हम भी शिव हैं / ज़माने भर का ज़हर पीते हैं /फूल पक्षी देवता मनुष्य / सभी अपने ठिकानों पर ही फबते हैं /
नदियां जा'कर समुद्र में मिलेंगी /
प्रफुल्लित मन से सबसे मिलिए /
और चलते चलते …
मेरे साथ जुड़ने वाले प्रत्येक आत्मीयजन को नमन !
पिछली पोस्ट में मेरी सस्वर प्रस्तुतियों पर
प्यार और अपनत्व से लबालब उत्साहवर्द्धक प्रतिक्रियाओं के लिए
आभार ! धन्यवाद ! शुक्रिया !
गुनगुनाने को मन करता है …
एहसान मेरे दिल पॅ तुम्हारा है दोस्तों
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तों
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पिछली पोस्ट में मेरी सस्वर प्रस्तुतियों पर
प्यार और अपनत्व से लबालब उत्साहवर्द्धक प्रतिक्रियाओं के लिए
आभार ! धन्यवाद ! शुक्रिया !
गुनगुनाने को मन करता है …
एहसान मेरे दिल पॅ तुम्हारा है दोस्तों
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तों
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