ब्लॉग मित्र मंडली

12/1/13

हैं प्राण जीवन सांस धड़कन आत्माएं बेटियां

World Daughter's Day
12th January 2013
आज का दिवस है बेटियों के नाम !

प्रस्तुत है एक रचना बेटियों के लिए

शीतल हवाएं बेटियां
सावन घटाएं बेटियां
हंसती हुई फुलवारियां
कोमल लताएं बेटियां
हैं प्राण जीवन सांस धड़कन
आत्माएं बेटियां
परमात्मा की प्रार्थनाएं
अर्चनाएं बेटियां
          
कविताएं सिरजनहार की
हैं गीतिकाएं बेटियां
जो धर्म-ग्रंथों में लिखी
पावन ॠचाएं बेटियां
मानव-हृदय में जो बसे
वे भावनाएं बेटियां
संवेदनाएं बेटियां
मन की दुआएं बेटियां
जग के लिए विधना की हैं
शुभकामनाएं बेटिया
      
आंगन की तुलसी
देवियां हैं अप्सराएं बेटियां
जग ये चलातीं , ख़ुद बनेंगी
कल की मांएं बेटियां
आशीष है , दीवालियां 
हर दिन मनाएं बेटियां
राजेन्द्र सुंदर विश्व की
परिकल्पनाएं बेटियां
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkar

#सारे चित्रों में मेरी तीन वर्षीया पोती दिव्यांशी है ,बहुत प्यारी है न !#
पहले चित्र में भाईसाहब की नातिनों दीया और अक्षु के बीच में है दिव्यांशी !

इस प्लेयर को प्ले करके सुन लीजिए मेरी रचना मेरी धुन में मेरे स्वर में


आज स्वामी विवेकानंद जी की १५०वीं जयंती है – बधाई !
साथ ही
लोहड़ी और मकर संक्रांति की मंगलकामनाएं !

1/1/13

लहू रहे न सर्द अब उबाल को तलाश लो

स्वागतम्
नव वर्ष २०१३

लहू रहे सर्द अब उबाल को तलाश लो
दबी जो राख में हृदय की ज्वाल को तलाश लो
भविष्य तो पता नहीं , गुज़र गया वो छोड़ दो
इसी घड़ी को वर्तमान काल को तलाश लो
सृजन करें , विनाश भूलनव विकास हम करें
तो गेंती-फावड़े हल-कुदाल को तलाश लो
धरा को स्वर्ग में बदलना साथियों ! कठिन नहीं
दबे-ढके-छुपे हुनर-कमाल को तलाश लो
भटकना मत जवानों ! मां का कर्ज़ भी उतारना
निकल के वहशतों से अब जलाल को तलाश लो
किया दग़ा जिन्होंने हिंद से उन्हें न छोड़ना
नमकहराम भेड़ियों की खाल को तलाश लो
हमें ही हल निकालना है अपनी मुश्किलात का
जवाब के लिए किसी सवाल को तलाश लो
यहीं पॅ चंद्र हैं , भगत सुभाष हैं , पटेल हैं
यहीं शिवा प्रताप छत्रशाल को तलाश लो
राजेन्द्र देशभक्त हर गली शहर में गांव में
किसी भी  घर में जाके मां के लाल को तलाश लो
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkar

वहशत = भय / डर / त्रास 

जलाल = तेज / प्रताप / अज़मत
 यहां मेरे स्वर में यही रचना सुन लीजिए 

मंगलकामनाएं!