ॐ
श्री गुरुवे नमः
है
जीवन बेसुरा ; संगीत सुर औ' साज़ मिल जाए !
मुझे हर तख़्त मिल जाए , मुझे हर ताज
मिल जाए !
मिले दौलत ज़माने की , ख़ज़ाना दोजहां
भर का
अगर कुछ धूल गुरु-चरणों की मुझको आज मिल जाए !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkarगुरुपूर्णिमा के शुभ पर्व पर हार्दिक मंगलकामनाएं !
सबको गुरु-कृपा और गुरु-आशीर्वाद का प्रसाद मिलता रहे
यहां भी पधारिगा
मिल जावै सतगुरु
15 टिप्पणियां:
जय गुरुदेव..... शुभकामनायें
शुभ-कामनाएं ।
सुंदर प्रार्थना...गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर आपको भी मंगल कामनाएं..
समस्त गुरुकुल को नमन..
गुरुजन को नमन..गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर आपको भी शुभकामनाएं..
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन जानिए क्या कहती है आप की प्रोफ़ाइल फोटो - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आपकी इस शानदार प्रस्तुति की चर्चा कल मंगलवार २३/७ /१३ को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है सस्नेह ।
अच्छी रचना ,सुभकामनाएँ
latest दिल के टुकड़े
latest post क्या अर्पण करूँ !
सद्गुरु को मेरा भी नमन -उनका का वरद-हस्त आप पर सदा बना रहे और प्रसाद हमलोगों को मिलता रहे !
गुरू ही ब्रह्मा विष्णु और शिव हैं । गुरू ही साक्षात् ब्रह्म हैं उनके चरणों की धूल मिल जाय तो और किस चीज की आस होगी , ऐसे गुरु को मेरा नमस्कार ।
गुरुपौर्णिमा पर बहुत सुंदर प्रस्तुति राजेन्द्र जी ।
बढ़िया है आदरणीय -
शुभकामनायें-
गुरुजन को सादर नमन
शुभकामनाएं राजेंद्र जी गुरु पूर्णिमा पर गुरु की कृपा बनी रहे
बहुत सुन्दर प्रार्थना...
बहुत सुंदर भाव ....राजेंद्र जी आपका ब्लॉग तो फॉलो किया है किन्तु मेरे डैशबोर्ड पर आपकी पोस्ट आती नहीं तो पढ़ने से वंचित रह जाती हूँ .....!!आज फिर फॉलो कर के देखती हूँ ...!!
बेहतरीन ....
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