ब्लॉग मित्र मंडली

21/9/13

बेज़ुबां हैं, उन्हें ज़ुबां दे’जा

चंद अपनी निशानियां दे'जा
ये ज़मीं और आसमां दे'जा
ग़म के मारों का दिल बहल जाए
चंद किस्से-कहानियां दे'जा
कट गया पेड़, घोंसला उजड़ा
उन परिंदों को आशियां दे'जा
महफ़िलों में बड़ी उदासी है
चंद ग़ज़लें रवां-दवां दे'जा
यार ने घोंप तो दिया ख़ंज़र
उसके हक़ में मगर बयां दे'जा
हो क़लम थामने का फ़र्ज़ अदा
बेज़ुबां हैं, उन्हें ज़ुबां दे'जा
हर तरफ़ तल्ख़ियां हैं , दूरी है
अब यक़ीं अम्न दरमियां दे'जा
इस जहां से जहां परीशां है
ख़ूबसूरत नया जहां दे'जा
हश्र तक साथ जो रहे राजेन्द्र मुस्कुराता वो कारवां दे'जा 
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkar
आप सब मुझे जितना अपनत्व स्नेह और आशीर्वाद देते हैं , यह मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है
यह सच है कि आपके साथ मेरा संबंध मात्र मित्रता नहीं... मित्रता से बहुत अधिक , बहुत आगे , बहुत ऊपर है ।
आपके ब्लॉग पर मेरी कम उपस्थिति रह सकती है , लेकिन मेरे हृदय में आपके लिए उच्च स्थान है ।
सबके प्रति मैं हृदय से आभारी हूं ! कृतज्ञ हूं ! ऋणी हूं ! आपके साथ मेरा मन का नाता है । निभाते रहिएगा... 



सादर शुभकामनाओं सहित

49 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

बहुत सुन्दर भावों को शब्दों में उतरा है आपने .बधाई .

Unknown ने कहा…

बहुत खूब लिखा है सर आपने | बहुत अच्छा लगा आपकी रचना पढ़ के |

Rohit Singh ने कहा…

मुझे लगता है कि अब बहुत खू..शानदार..जैसे शब्दों को लिखना ही व्यर्थ है....बेहतरनी शब्द भी कितनी बार लिखूं....पढ़ने के बाद दिल खुश हो जाता है तो शब्द खो जाते हैं....बस हम तो आपको मिले कारवां का एक अंग हैं..वही बहुत है हमारे लिए..

ओंकारनाथ मिश्र ने कहा…

ज़बरदस्त ग़ज़ल बनी है.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक आज शनिवार (21-09-2013) को "एक भीड़ एक पोस्टर और एक देश" (चर्चा मंचःअंक-1375) पर भी होगा!
हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब .... Sundar bhav liye hai har sher Rajendr ji ...

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुन्दर भावों को शब्दों में उतरना कोई आपसे सीखे .बहुते ही बेहतरीन

विभूति" ने कहा…

बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

Asha Lata Saxena ने कहा…

राजेन्द्र जी आपकी हर रचना कुछ नया अंदाज लिए होती है |सुन्दर शब्द चयन और भाव |
आशा

अजय कुमार झा ने कहा…

आप अभिव्यक्ति के सम्राट हैं । आपके जन्मदिन पर आपको असीम शुभकामनाएं और बधाई राजेंद्र जी । आपकी लेखनी को तो हर बार सलाम ,सलाम ,सलाम । सभी पंक्तियां एक से एक बेहतरीन ।

अनुपमा पाठक ने कहा…

बहुत खूब!

जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएं!

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव.....
जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं.....सदा प्रसन्न रहें...स्वस्थ रहें.....रचनात्मकता खूब फले फूले.....

सादर
अनु

Darshan jangra ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - रविवार - 22/09/2013 को
क्यों कुर्बान होती है नारी - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः21 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra





संगीता पुरी ने कहा…

सुंदर रचना ...
जन्‍म दिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!!!

Nirantar ने कहा…

Hardik Shubh Kaamnaayein

Rajendra kumar ने कहा…

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती,बेहतरीन ग़ज़ल की रचना,आभार है.

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

बहुत खूब , बहुत अच्छा लगा आपकी रचना पढ़ के |

Unknown ने कहा…

rajendra g ko janm din kee bhut bhut badhai shubhkamanaye

Unknown ने कहा…

rajendra g ko janm din kee bhut bhut badhai shubhkamanaye

Unknown ने कहा…

rajendra g ko janm din kee bhut bhut badhai shubhkamanaye

कृष्ण नन्दन मौर्य ने कहा…

बहुत खूब......
जन्मदिन की अनन्त शुभकामनायें

HARSHVARDHAN ने कहा…

आज की विशेष बुलेटिन विश्व शांति दिवस .... ब्लॉग बुलेटिन में आपकी इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है। सादर .... आभार।।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत खूब,बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना !

RECENT POST : हल निकलेगा

Anita ने कहा…

बहुत प्रभावशाली प्रस्तुतिकरण !

शब्द मसीहा ने कहा…

बहुत बहुत सुंदर रचना ..आपको हार्दिक शुभकामनाएं ..आपका काव्य कलश सदैव इसी प्रकार छलकता रहे

केदार नाथ "कादर" ने कहा…

आपको जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई ..आपका जीवन मंगलमय हो ..आपका रचना संसार सदैव खिलता मुस्कुराता रहे ...ऐसी मेरी हार्दिक शुभकामनाएं आपको समर्पित करता हूँ

बेनामी ने कहा…

क्या बात है भाई बहुत ही उम्दा लिखा है जवाब नहीं ...................आपको, आपके जन्मदिन पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं....... आने वाला प्रत्येक नया दिन, आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आये ! इस अवसर पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह, वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखे

बेनामी ने कहा…

क्या बात है भाई बहुत ही उम्दा लिखा है जवाब नहीं ...................आपको, आपके जन्मदिन पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं....... आने वाला प्रत्येक नया दिन, आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आये ! इस अवसर पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह, वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखे

शिवम् मिश्रा ने कहा…

जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें स्वीकार करें !

Ramesh Sharma ने कहा…

क्या बात है भाई बहुत ही उम्दा लिखा है जवाब नहीं ...................
आपको, आपके जन्मदिन पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं.......
आने वाला प्रत्येक नया दिन, आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आये !
इस अवसर पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह, वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ
आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखे

Ramesh Sharma

राजीव कुमार झा ने कहा…

सुंदर भावों से सजी रचना . जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ ........
नई पोस्ट : अद्भुत कला है : बातिक

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत और प्रभावी प्रस्तुति...आभार

Onkar ने कहा…

शब्दों का बहुत ही सुन्दर प्रयोग

अरुन अनन्त ने कहा…

आदरणीय राजेंद्र भाई जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं ईश्वर आपको स्वस्थ रखें दीर्घायु करें एवं ढेरों खुशियाँ प्रदान करें.

डॉ टी एस दराल ने कहा…

आपकी ग़ज़लों का तो ज़वाब ही नहीं।
जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें।

Unknown ने कहा…

बहुत सुन्दर और भाव प्रधान कविता,सीधे दिल को छु गई,आज पहली बार आपके ब्लोग के बारे मेँ Indiblogger के माध्यम से पता चला।
Regards
http://madanojha.com

Unknown ने कहा…

बहुत सुन्दर और भाव प्रधान कविता,सीधे दिल को छु गई,आज पहली बार आपके ब्लोग के बारे मेँ Indiblogger के माध्यम से पता चला।
Regards
http://madanojha.com

Unknown ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Udan Tashtari ने कहा…

जन्म दिन की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ- समीर लाल

Minakshi Pant ने कहा…

हर बार की तरह इस बार भी बहुत खुबसूरत रचना सुन्दर भाव और एक सुन्दर सन्देश के साथ बहुत अच्छा |

shashi purwar ने कहा…

bahut khoob sundar srajan ,hardik badhai shubhkamnaye aapko rajendra ji

Asha Joglekar ने कहा…

इस जहां से जहां परीशां है
उनको िक नया जहां दे जा।

क्या बात है । पूरी गज़ल ही शानदार है।

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

बहुत खूब...अच्छा लगा ,जन्मदिन पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत उम्दा ग़ज़ल।
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इसी रदीब-काफिया पर हमारे मित्र सगीर अशरफ की भी थी। लगभग कुछ ऐसी ही।
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आज उनकी पुस्तक सुलगती धूप का सहरा खोजूँगा और उसकी कुछ पंक्तियाँ आपको भेंट करूँगा।

Kailash Sharma ने कहा…

लाज़वाब ग़ज़ल...

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

सुन्दर भाव... बधाई...

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

सुन्दर भाव... बधाई...

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…



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दीपावली की हार्दिक बधाइयां ! शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !
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***Punam*** ने कहा…

कुछ भी कह दूँ न हो वो बेमानी...
या खुदा मुझको वो जुबां दे जा....!!

माशाल्लाह....
बहुत खूबसूरत.....