ब्लॉग मित्र मंडली

1/8/10

मैं तेरा दोस्त , तू मेरा हमदम



समझ नहीं पाया अगर… दोस्त , दोस्त का दर्द !
क्या हक़ है कहलाए वो , दोस्त , मीत ,  हमदर्द ?!
मैं तेरा दोस्त , तू मेरा हमदम
तेरे दिल में ये दर्द सा क्या है 
मुझसे कहदे तू सोचता क्या है 
मैं तेरा दोस्त , तू मेरा हमदम
ग़म न बांटें तो फ़ायदा क्या है 
मुझको समझा है गर कभी अपना 
मुझसे शरमाना - सोचना क्या है 
अब रुलाने लगा है ग़म तेरा 
हाले-दिल तू बता , हुआ क्या है 
साथ हो दोस्त , फिर जहां क्या है 
क्या है तक़दीर , फिर ख़ुदा क्या है 
दोस्त ही दोस्त को न समझे फिर
बदनसीबी या हादसा क्या है
दोस्त ख़ुश हो जहां भी हो , रब्बा 
और राजेन्द्र मांगता क्या है

-राजेन्द्र  स्वर्णकार 
©copyright by : Rajendra Swarnkar



विश्व मित्रता दिवस
पर
 हार्दिक शुभकामनाएं !
मंगलकामनाएं !!

44 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत बढ़िया ...दोस्त ऐसे ही होने चाहिए...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर बालकविता!
--
मित्रता दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

फ्रेंडशिप डे के दिन एक खूबसूरत कविता पढ़ने को मिली.
दोस्त ख़ुश हो जहां भी हो,रब्बा
और देवेन्द्र मांगता क्या है.
राजेन्द्र को देवेन्द्र बना दिया मैने
तुम्हीं कहो इससे फर्क क्या है.
..बधाई.

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

..बचपन में इसकी साँकलें कहती थीं
- एड़ियाँ उठा कर मुझे छुओ तो!

अब यहाँ से झुक कर निकलती हूँ..
..कम शब्दों में नारी के जीवन की सहज अभिव्यक्ति.
बेहतरीन कविता में शुमार कर लीजिए इसे. बधाई.

vandana gupta ने कहा…

बेहद सुन्दर प्रस्तुति………………मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।

डॉ टी एस दराल ने कहा…

सुख दुःख में जो संग रहे , करे नहीं अभिमान
दोस्त की सन्सार में , है ये ही पहचान ।

हैप्पी फ्रैडशिप डे ।

मनोज कुमार ने कहा…

दोस्ती को समर्पित इससे बेहतर ग़ज़ल और क्या हो सकती है!
हैप्पी फ़्रेंडशिप डे!

Sulabh Jaiswal "सुलभ" ने कहा…

शुभकामनाएं! आप को भी.

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

khubursat kavita! humari or se mitrata diwas kee shubhkaamnaayen!

रचना दीक्षित ने कहा…

फ्रेंडशिप डे के दिन एक खूबसूरत कविता बेहद सुन्दर प्रस्तुति

nilesh mathur ने कहा…

बहुत सुन्दर, शुभकामना!

मनोज कुमार ने कहा…

02.08.10 की चिट्ठा चर्चा में शामिल करने के लिए इसका लिंक लिया है।
http://chitthacharcha.blogspot.com/

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बेहतरीन..मित्र दिवस की बधाई.

सुशीला पुरी ने कहा…

आपने दोस्ती पर इतनी खूबसूरत लाइने लिखी हैं कि मेरी आँख भर आई ......बहुत बहुत बधाई ।

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…


राजेन्द्र जी, बहुत सुंदर कविता है। दोस्त दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

…………..
स्टोनहेंज के रहस्यमय पत्थर।
क्या यह एक मुश्किल पहेली है?

Dr. Vimla Bhandari ने कहा…

हमें नाज है देश पर
क्योंकि उसमें राजस्थान है
हमें नाज है राजस्थान पर
क्योंकि उसमें बीकानेर है
हमें नाज है बीकानेर पर
क्योंकि उसमें राजेन्द्र है
हमें नाज है इस गजलकार पर...

RAJWANT RAJ ने कहा…

tere dil me ye drd sa kya hai
mujhse kh de tu sochta kya hai
itne apnepn se koi dost hi dost ko mjboor kr skta hai apna drd batne ke liye
blog pr aane ke liye bhut bhut dhnywad

RAJWANT RAJ ने कहा…

tere dil me ye drd sa kya hai
mujhse kh de tu sochta kya hai
itne apnepn se koi dost hi dost ko mjboor kr skta hai apna drd batne ke liye
blog pr aane ke liye bhut bhut dhnywad

Alpana Verma ने कहा…

आप को भी विश्व मैत्री दिवस की शुभकामनाएँ.हर दिन ही मैत्री दिवस सा हो.
बहुत ही सुन्दर रचना लिखी है..सरल स्पष्ट शब्दों में भाव अभिव्यक्ति है.बिना अधिक कहे एक दूसरे की बात समझ सकें ,दुःख सुख में एक दूसरे के लिए खड़े हो सकें वहीँ तो दोस्ती है..
आज आप ने अपने स्वर में कुछ पोस्ट नहीं किया?

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

rajendra bhai ji,
main Surender hoon aur aaap mere baare mein jaan sakte hai is link par...

http://shayarichawla.blogspot.com/

http://www.facebook.com/surender.chawla

चैन सिंह शेखावत ने कहा…

आदरणीय राजेंद्र जी...
जब जब आपके ब्लॉग पर आता हूँ एक नयी ऊर्जा और स्फूर्ति का अनुभव होता है..
इस बार की रचना भी प्रशंसनीय है..बधाई..

श्रद्धा जैन ने कहा…

Mujhko mana hai jo kabhi apna
sharmana sochana kya bahut achhci baat kahi hai
ek achchi gazal ke liye badhayi

राजभाषा हिंदी ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

वाह राजेंद्र भईया... सुन्दर भाव ... आपका ब्लॉग उत्साह का संचार है. बधाई.

sanu shukla ने कहा…

बहुत ही सुंदर और उम्दा प्रस्तुति भाईसाहब..!!
आप को भी मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।

Satish Saxena ने कहा…

बहुत खूब ....शुभकामनायें !

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

समझ नहीं पाया अगर दोस्त,दोस्त का दर्द
क्या हक़ है कहलाये वो दोस्त,मीत,हमदर्द ?

कोई दोस्ती करे तो आप जैसी .....
जिसके इतने नेक ख्यालात हों .....
जिसका दिल इतना पाक- साफ हो ....

नीचे दोस्तों की तस्वीर बड़ी प्यारी है .....

आने में देर हुई ....
.कुछ बिजली का था कसूर
कुछ कंप्यूटर दगा देता रहा ......!!

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ ने कहा…

देर से आया, पर दुरुस्त आया!
शुभकामनाएँ!

TRIPURARI ने कहा…

एक जाने पहचाने से रदीफ़ और क़ाफ़िया को बहुत ही खुबसूरत जज़्बात से भर दिया आपने ।

नीरज गोस्वामी ने कहा…

राजेंद्र जी न जाने कैसे ये पोस्ट मुझसे चूक गयी...इसलिए देरी के लिए क्षमा करें...बहुत प्यारी ग़ज़ल कही है आपने मित्रता दिवस पर...हम भारतियों के लिए तो हर दिन मित्रता दिवस होता है उसे कभी मनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती लेकिन पश्चिम की व्यावसायिकता ने हमें अब हमें मात्री दिवस पितृ दिवस पुत्री दिवस आदि मनाना सिखा दिया है...खैर ये अलग विषय है बहस का...
हर शेर मन भावन है..ग़ालिब साहब की दिले नादाँ तुझे हुआ क्या है की तर्ज़ पर कमाल किया है आपने...

मैं तेरा दोस्त तू मेरा हमदम...
साथ हो दोस्त फिर...
दोस्त ही दोस्त को न समझे...

ऐसे शेर हैं जो बरसों ज़ेहन में रहेंगे और आने वाले समय में लोग इन्हें मुहावरों की तरह इस्तेमाल करेंगे...मेरी बधाई स्वीकार करें..

नीरज

तिलक राज कपूर ने कहा…

बस ऐसे ही दोस्‍तों के लिये दुआ मॉंगते रहो भाई और दोस्‍त आपको ऐसे मिलें ि वो आपके लिये ऐसी दुआ मॉंगते रहें।

Parul kanani ने कहा…

sundar abhivykti!

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

dosti ki ek sahi mayane me vykhya ki hai aapne jo ekdam sateek hai.
mitrata-diwas par aapko hardik badhai.
poonam

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

राजेंद्र जी ग़ज़ल आज पढ़ी सो मित्रता दिवस की बधाई आज ही देता हूँ..देर के लिए क्षमा चाहता हूँ वैसे हर दिन मित्र का दिन होता है..बढ़िया ग़ज़ला के लिए बधाई

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

अले वाह, यह तो बहुत बढ़िया है....
_____________
'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.

Rohit Singh ने कहा…

देर से आपको क्या दूं बधाई....हिंदुस्तानी दिल है अपना तो सो दोस्त को क्या बधाई दूं..हर क्षण ही तो दोस्त के लिए दुआ निकलती है...तो दोस्ती करते हैं हम आप से.....इसी बहाने सही....आपकी कविता के सहारे ही सही.....आभाषी दुनिया से वास्तविकता की दुनिया में भी अवश्य होगा हमारी दोस्ती का सफर भी...

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

उम्दा पोस्ट के लिए धन्यवाद


ब्लॉग4वार्ता की 150वीं पोस्ट पर आपका स्वागत है

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

शहर में प्रशासन से खींचे हुए पैसे की रेवड़ी - शॉल से भी योजनाबद्ध तरीके से मुझे हमेशा टाला जाता है । )
इन परिस्थितियों में मुझे
ब्लोगोत्सव-२०१० का "वर्ष के श्रेष्ठ गीतकार (लेखन व गायन)" का खिताब पाकर कैसा लग रहा होगा , आप स्वयं स्वतः ही महसूस कर सकते हैं !
… बस , नम आंखों को मूंदे हुए मां सरस्वती को स्मरण करने लगा … ,

aapka ek aur rup dekha ......!!

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

mazaa aa gaya bhai gazal pad kar....

SATYA ने कहा…

बहुत बढ़िया.

कडुवासच ने कहा…

...bahut sundar !!!

बेनामी ने कहा…

bahut hi badiya likha hai..
acha laga pad kar...

Meri Nayi Kavita aapke Comments ka intzar Kar Rahi hai.....

A Silent Silence : Ye Kya Takdir Hai...

Banned Area News : Akshay throws birthday bash for Suniel Shetty

Devi Nangrani ने कहा…

Shubhkamamnaaon ke saath saath bahut sari aashaein bhi hai Rajendra ji ki sujagta bhari kalam se jiski ravani karwatein badal badal kar hamein apni purzor rahon par le aati hai..Khoob likhte hain. Rajasthan ke registanon mein bhi Lala khile hain..Mubarak !!
Kaha kisne in kore kagazon se kuch nahin milta..
Likhi jo dastaan unpar, mili kirdaar ki khushboo.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Khoobsoorat Gazal hai ... mitrata divas ki yaade liye .., khilte huve sher hain sab ...