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****गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं !****
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प्रस्तुत है, नौजवानों को संबोधित एक नज़्म
नौजवान
आबरू वतन की नौजवान ! तुमसे है …
ख़ुशबू-ए-चमन ऐ बाग़बान ! तुमसे है …
देश के लिए निकल के तू घरों से आ !
मस्जिदो-गुरुद्वारों, चर्चो-मंदिरों से आ !
गर्दे-मज़हब रुहो-जिस्म से ; आ झाड़ कर !
दुश्मने-वतन पे टूट पड़ दहाड़ कर !!
मोड़-मोड़ पर खड़े हैं लाख इम्तिहां !
देश को बहुत है आस तुमसे नौजवां !
ज़र्रा-ज़र्रा हिंद का निहारता तुम्हें …
मां का रोम-रोम ; सुन ! पुकारता तुम्हें …
नौजवान आ ! नूरे-जहान आ !
हिंद के मुस्तक़बिल ! रौशन-निशान !!
तू ही जिस्म और तू ही जान हिंद की !
नौजवां ! बलंद रखले शान हिंद की !
अज़्मतो-पाकीज़गी, बलंद हौसला ;
ख़ास है जहां में ये पहचान हिंद की !
नौजवां सम्हाले रखना शान हिंद की !!
नौजवां ! अज़ीम तेरी आन बान शान !
तेरे हाथ में सुकून, अम्न-ओ-अमान !
जीतले ज़मीन, जीतले तू आसमान !
जीतले दिलों को, जीतले तू दो जहान !
सुन ! वतनपरस्ती ऊंची मज़हबों से है !
इज़्ज़ते-वतन तुम्हारे वल्वलों से है !!
बर्फ़ के मानिंद शोले हो नहीं सकते !
शेरमर्द तो खिलौने हो नहीं सकते !
तीरगी टिकेगी कब मशाल के आगे ?
तेरे हौसले तेरे जलाल के आगे !!
मादरे-वतन के ज़ख़्म भरदे नौजवां !
दुश्मनों के सर क़लम तू करदे नौजवां !
क़तरा-क़तरा ख़ून का तेरा वतन का है !
है वतन भी तेरा !…और तू वतन का है !
लहरादे तिरंगा ऊंचे आसमान पे !
फहरादे तिरंगा ऊंचे आसमान पे !
जानो-ईमां नज़्र कर हिंदोस्तान पे !
नौजवान आ !
नौजवान आ !!
नौजवान आ !!!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
(c)copyright by : Rajendra Swarnkar
यहां इस नज़्म को मेरे स्वर में सुनिए
(c)copyright by : Rajendra Swarnkar
शस्वरं को इस बीच
अपने स्नेह-समर्थन से नवाज़ने वालों के प्रति हृदय से आभार !
जयहिंद
89 टिप्पणियां:
तू ही जिस्म और तू ही जान हिन्द की
नौजवान बलंद रख ले शान हिन्द की....
स्वर्णकार जी, कितना खूबसूरत पैग़ाम दिया है आपने...
बधाई, इस नज़्म के लिए...
और...
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
'बर्फ के मानिंद शोले हो नहीं सकते....'
राजेंद्र जी, बहुत अच्छा लिखा है आपने. देश प्रेम के जज़्बे से ओतप्रोत यह रचनी मन को जोश से भर देती है.
बहुत बढ़िया!!
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
माशा अल्लाह,क्या गातें है आप भाई.आप की नज़म नें गणतंत्र दिवस की सुबह को और जोश दिला दिया है.सलाम .
बहुत खूब राजेंद्र भाई । गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
मज़बूत आवाज़ में बहुत प्यारा आवाहन !....शुभकामनायें आपको !
बहुत सुंदर आव्हान ...गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं
हर पंक्ति प्रेरना उत्साह जगाती हुयी। आपको गनतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
बहुत सुन्दर देश प्रेम गीत ।
और उतना ही सुन्दर गायन ।
बस डर यही लगता है कि ऐसा जोशीला गीत सुनकर फिर कोई युवक उत्सव शर्मा न बन जाए ।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें ।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....
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Sunder awaj sunder bhav ..........
Jai hind
सुरीली आवाज मे आपके आवाहन ने एक जोश सा भर दिया है
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
जीत ले ज़मीन,जीत ले तू आस्मान
जीत ले दिलों को ,जीत ले तू दो जहान
क़तरा क़तरा ख़ून का तेरा वतन का है
है वतन भी तेरा और तू वतन का है
बहुत उम्दा ,पुर जोश नज़्म !
बहुत उम्दा बात कही आप ने अगर दिल जीत ले कोई तो बात ही कुछ और होगी
प्रिय स्वर्णकार जी,
नमस्कार,
देश की सेवा के लिए नौजवानों का जोशीला आवाहन किया है आपने।
देशभक्ति से परिपूर्ण ख़ूबसूरत नज़्म।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई।
राजेंद्र स्वर्णकारजी नमस्कार,
बहुत सुन्दर तथा जोश भरी रचना है !
गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर आप को ढेरों शुभकामनाये!
bahut achchi nazm hai.
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ....
पता था यहाँ झंडा लहराने की तैयारी चल रही होगी ....
इन्तजार था इस देश भक्त का .....
कतरा -कतरा खून तेरा वतन का है .....
आवाज़ में नज़्म तो बस एक ही लफ्ज़ है ....
सुभानाल्लाह .....
अय वीर तुझे नमन .....!!
जोश भरती कविता, जोशीला गायन भी।
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (27/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ !!
बहुत सुंदर रचना
हमारे देश के नाविक तो युवा ही है...नौजवान का आह्वान बहुत सुंदर...
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...
गणतंत्र दिवस पर बहुत सुन्दर रचना ...जोश भरती हुई
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें
गणतंत्र दिवस पर बहुत खूबसूरत रचना ...
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
"मादरे-वतन के ज़ख़्म भरदे नौजवां !
दुश्मनों के सर क़लम तू करदे नौजवां !
क़तरा-क़तरा ख़ून का तेरा वतन का है !
है वतन भी तेरा !…और तू वतन का है !"
वाह ...वाह बेहतरीन
बहुत ही ओजस्वी रचना लिखी है और गाया भी बहुत बढ़िया है.
बधाई
आभार
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत प्रेरक प्रस्तुति..गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई !
भाव पूर्ण गायकी एवं अति भावपूर्ण लेखन -
बहुत अच्छे ह्रदय उद्गार हैं -
बधाई एवं शुभकामनायें
बहुत सुन्दर तथा जोश भरी प्रस्तुति..गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई
behad sundar -- aur geet bhi veer ras se bharpoor... sundar gaaya bhi hai....gantantr diwas par badhai..
bahut joshily nazm....
गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर बहुत ही ओजस्वी एवं देशभक्ति से ओत प्रोत रचना लिखी है आपने ! आपकी इस पुकार को सुन भारत के नौजवानों के खून में जोश भर जाये और उनके मन में मादरे वतन की अस्मिता रक्षा का जूनून लहरा उठे यही कामना है ! कविता की हर पंक्ति बहुत ही सुन्दर है ! गणतंत्र दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनायें !
जय हिंद ! वंदे मातरम् !
सब कुछ कमल है भाई .....गणतंत्र दिवस की दिल से बधाई
बहुत खूबसूरत सन्देश दिया है ..जोशपूर्ण .
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
देशप्रेम, जोश, जूनून, ज़ज्बा... यही हिंद की पहचान है, और आपकी रचना में ये तमाम बातें मौजूद हैं...... आनंद आ गया पढ़कर बड़े भईया....
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं.... जय हिंद.
नौजवानों के साथ सबका हौसला बुलंद कर देने वाली कविता.
भाई राजेंद्र स्वर्णकार जी अत्यंत प्रभावशाली और भाव प्रवण पस्तुति है ये आप के तरफ से| मेरे लेपटॉप का ऑडियो खराब होने की वजह से सुन नहीं पाया| फिर से कोशिश करता हूँ| बधाई स्वीकार करें|
खूबसूरत नज़्म , उम्दा अदायगी, नौजवानों के साथ हम भी खिंचे चले आये आपके आव्हान पर; लब्बेक कहते हुए. चलो! देश को भ्रष्टाचार से भी मुक्त कराने की कसम खाले आज के पावन पर्व पर. गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई.
-- mansoorali हाश्मी
http://aatm-manthan.com
शानदार नज्म!! खूबसूरत प्रस्तुतिकरण
बहुत सुन्दर नज्म, खून की रवानी बढ़ा देने वाली पंक्तियाँ| बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण|
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं|
अच्छी नज़्म है। संदेश बहुत अच्छा है। देशप्रेम केवल नौजवानों के लिए ही नहीं हर नागरिक के लिए अपरिहार्य होना चाहिए। आज गणतंत्र दिवस के झंडा वंदन के बाद एक गोष्ठी में बैठा तो एक नेता कानून में कमी निकालने लगे। मैंने उन्हें सलाह दी कि कानून को कोसने के बजाय कानून में विश्वास रखें। ऐसे लोगों के लिए आपकी नज़्म मार्ग दर्शन करेगी।
गणतंत्र दिवस पर बहुत खूबसूरत नज़्म,सुन्दर प्रस्तुतीकरण.........
"गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं"
एक अच्छी नज़्म
.
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण|जोशपूर्ण ........
आभार
बेहद ही ख़ूबसूरत इज़हार भाई साहब. मनमोहक साजसज्जा और तिरंगे के रंग से सरोबार देशभक्ति और सद्भाव से ओतप्रोत रचना के लिए आपको दिल से साधुवाद ! गणतंत्र दिवस की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ..! नमन !
गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर
बहुत ही प्रभावशाली और ओजपूर्ण रचना ...
देश प्रेम के जज़्बे की उम्दा मिसाल
शब्द शब्द में भारत माँ की आन बान शान के
दिव्य दर्शन ....
अभिवादन स्वीकारें .
ओजपूर्ण गीत!
हर पद में तिरंगे का प्रयोग बहुत मन को भाया।
बहुत सुन्दर तथा जोश भरी प्रस्तुति.
बेहद खूबसूरत!!!
गणतंत्र दिवस पर आपको भी ढेरों शुभकामनायें
जय हिंद!
राजेन्द्र जी,
बचपन से वीर रस के कवियों को सुनने में हमेशा से मन भाया है, यह रस मेरे दिलो दिमाग पर छाया रहता है.., महज़ विशेष दिनों में ही नहीं बल्कि 365 दिन...। जब कभी इस तरह की गज़लें, गीत, कविताओं से रुबरू होता हूं तो जोश से भर उठता हूं...। विडंबना बस यही है कि आज जोश भी शब्दों में कैद होकर रह गया है और सिर्फ वाह-वाह तक सिमट गया है। जब कोई कहता है "लहरा दे तिरंगा ऊंचे आसमान पे..." तो मुझे लालचौक जैसे इलाकों की याद आती है और वहां की परिस्थितियां बेमन कर जाती है...। खैर...। दूश्ननों का सिर कलम कर दे नौजवान..., हममह्ज़ इसे अपने पडौसी देशों तक ही देख पाते हैं..जबकि हमारे घर में ही तिरंगे के दुश्मन कई हैं.., क्यों नज़र अंदाज हैं? खैर...
आपकी रचना हमेशा से ही बेहतरीन होती है..फिर आज तो वैसे भी जोश का दिन है..सो भाव अपने तेवर के साथ बह रहे हैं....। मैं चाहता हूं शब्द अब ऐसे हों जिनसे क्रांति टपके..शुरुआत हो.., आप जैसे ही रचनाकारों से हमेशा अपेक्षा रहती है...।
ऐसे ही जोशीले गीतों का प्रणयन और गायन की आज समय की मांग है
नौजवानों में देशभक्ति का जज्बा जगाने में सक्षम प्रस्तुति.
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाओं सहित...
गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई.
kya kahu...hamesh ki tarah ki shaandar prastui....
abhaar...
gantantr ki shubhkamnaen....
आदरणीय राजेंद्र जी .... यदि मेरे बस में होता तो ये गीत मैं इस देश के कोने कोने में बजवा देती ... आज एक निउज़ चैनल देख रही थी तो मुझे बहुत निराशा हुई ये जान कर की हमारे देश के कई जाने माने लोगों को ये भी नहीं मालूम की गणतंत्र दिवस मनाया क्यूँ जाता है ... तो आम जनता की तो बात ही रहने दीजिये .... नौजवानों को , नौनिहालों को ... और आने वाली पीढ़ियों को यदि इस दिन का और आज़ादी का महत्वा समझाना है तो ऐसे गीतों का बहुत बड़ा योगदान होगा .... आपका बहुत बहुत शुक्रिया .... शुभकामनाएं
सारी दुनिया से न्यारा हमारा वतन!
हमको प्राणों से प्यारा हमारा वतन!!
गणतन्त्र दिवस की 62वीं वर्षगाँठ पर
आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
वाह वाह! क्या जोशीली नज़्म है..............सच मैं जोश आ गया...........और धुन भी बहुत बढ़िया बनायीं है आपने.
Rajendraji
Is nazm ke madhyam se ek paigham aapka hum tak, sari bhat ki janta tak pahunch gaya. Ek naya josh, nayi umang hai ismein. Bahut sari shubhkamnaon ke saath
जय विश्व, जय मानवता.... आपके मधुर कंठ से नज़्म को सुनना एक बार फिर सुखकर लगा.
prya rajendra ji
jai hind ,
katra ,katra vatan ka hai ----
bahut sunder rachna . aapke desh -prem ko salam .
राजेंद्र जी,
वीर रस जगती ये कविता बहुत सुन्दर बन पड़ी है.....बचपन में स्कूल में पढ़ी....वीर तुम बढ़े चलो....का ध्यान दिलाती ये पोस्ट.....शुभकामनायें आपको|
"बर्फ के मानिंद शोले हो नहीं सकते.
शेर मर्द तो खिलौने हो नहीं सकते
तीरगी टिकेगी कब मशाल के आगे
तेरे हौसले तेरे जलाल के आगे !"
वाह ,राजेंद्र जी,
क्या पंक्तियाँ लिखी हैं !
ऐसी ही देश भक्ति की ज्योति जलाती कविता की आज ज़रूरत है !
ऐसी सी कविताओं से इन्क़लाब पैदा होता है !
आपकी भावपूर्ण प्रस्तुति को नमन !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
जीत ले ज़मीन,जीत ले तू आस्मान
जीत ले दिलों को ,जीत ले तू दो जहान
क़तरा क़तरा ख़ून का तेरा वतन का है
है वतन भी तेरा और तू वतन का है
बहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ।
देशभक्ति में डूबे जोश भरे शब्दों से सजी यह रचना पढ़कर मन भावनाओं से ओतप्रोत हो गया ! आपको भी गणतन्त्र दिवस की शुभकामनायें!
प्रिय भाई राजेन्द्र स्वर्णकार जी ,
अभिवादन !
सच्चे अर्थों में देश के गणतंत्र को शुभ कामना सन्देश देती है आपकी ओजस्वी रचना |
नवजवानों का आह्वान देश के लिए ....इतने सुन्दर अंदाज़ में
बहुत ही प्रशंशनीय .....यहीं तो दिखती है कलम की आग !
राजेंद्र जी सच में आपकी कविता काफी अच्छी है पर ये इस देश की विडम्बना ही है की हमारे युवा भटकाव की दिशा में हैं .आपको गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें
जोश से भरी हुई प्रेरक नज़्म|शानदार स्वर-रचना| बधाई!शुभकामनायें|
- अरुण मिश्र.
राजेन्द्र जी....मुझे माफ़ करना क्योंकि आपकी इस रचना की तारीफ़ के लिए मेरे पास शब्दों की ख़ासी कमी है।
आपकी इस रचना के लिए यहाँ आई हर टिप्पणी से सहमत हूँ। तीन बार पढ़ने के बाद मैं केवल इतना ही कहना चाहूंगा कि ये उत्तम दर्जे की रचना है।
ये है न रगों में जोश भरने वाली कविता। बेहतरीन दोस्त....आखिर कौन कहता है कि हमारे में जोश नहीं है। बस जरा सी अगुवाई और मिल जाए फिर तो दुनिया फतह ही समझो
आपकी यह सुन्दर रचना, आज भी चर्चामंच में है,,आप वह आ कर अपने विचारों से अनुग्रहित करें |
http://charchamanch.uchcharan.com
shabd aur svar dono zandaar, dhardar...hamesha ki tarah...
बहुत सुंदर ...गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं!!
mera blog pichhle kayee dino se nahi khul pa raha, kya koi suggestion denge...:o
शिराओं में ओज भर देने वाला देश भक्ति गीत...वाह !!!
गणतंत्र दिवस और इन जोश भरे शब्दों के लिए -
बहुत बधाई !
आदरणीय भैया जी सबसे पहले तो खंबा गढ़ी. एवं आपका बहुत बहुत शुक्रिया की आपने मुझ जैसे नाचीज का ब्लॉग फोलो करने की सोची भैया जी आप मेरा "काव्य..........मारवाड़ी के शब्दों की उड़ान" फोलो कर सकते है दो दो ब्लॉग रखने का कारण बस इतना ही है की कुछ वह लोग जो ब्लॉगर नहीं है उन्हें मेरा दूसरा ब्लॉग पता है और मै उसे भी बंद नहीं कर सकता हूँ.
आपकी कविता जोश भर देने वाली है यह पढ़ कर मुझे भी दो पंक्ति याद आ गयी की-
माँ पुकारती है की आ को तो भक्त चाहिए.
जो धमनियों मैं खोलता हो ऐसा रक्त चाहिए.
क़तरा क़तरा ख़ून का तेरा वतन का है
है वतन भी तेरा और तू वतन का है
bahut hi badhiya likha hai ,josh se bhari hui rachna ,jai hind .
देशप्रेम को बुलंद करते सशक्त आवाज
आपको गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें
jitna sunder likha hai utni hi sunder awaaz hai aapki! bahut khoobsurat!
देशप्रेम की बहुत ही ओजस्वी नज्म ...सुन्दर शब्दों का भावयुक्त प्रयोजन ओर साथ में आपकी ओजस्वी वाणी का संगीतमय संयोजन ..आपको कोटि कोटि अभिनन्दन...जय हिंद
स्वर्णकार जी ! नमस्कार !! ......बहुत दिनों से सुन रहा था आपके बारे में ....आज आ ही गया आपके गाँव ...दोनों रचनाएँ बहुत अच्छी लगीं ......गुनगुनाने का मन हो आया .......तो और भी अच्छी लगीं. जै हिंद !!
नौजवानों का आव्हान करती इस सुंदर देशभक्तिपूर्ण रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई . हार्दिक शुभकामनाएं .
बहुत बढिया ...
देश भक्ति का जज्बा जगाती बेहद खूबसूरत नज़्म
very strongly worded and need of hour.
Please accept wishes for republic day!
Jai Hind!!
बहुत सुन्दर और ओजमयी प्रस्तुति..आभार
प्रेरक उदबोधन
सादर
नौजवानों को पुकारती , जोश भरी ओजस्वी कविता |बधाई
बहुत सार्थक और प्रेरक रचना | हृदय में एक ओज जगाती |
jai hind
देशभक्ति के जज्बे से ओतप्रोत बेहतरीन रचना,धन्यबाद आपका ।
बहुत सुन्दर.
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